Sunday, July 19, 2009

विधानसभा में बाघ


भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रदेश में बाघों की संख्या में कमी का मामला उठाया। वन राज्य मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने नारेबाजी करते हुए दोषी अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया।
यह मामला कांग्रेस के चौधरी राकेश सिंह, डा.गोविंद सिंह और अजय सिंह ने उठाया था।
उनका आरोप था कि बाघों के संरक्षण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पर्याप्त राशि दिए जाने के बावजूद राज्य सरकार गंभीर नहीं है और पन्ना टाइगर रिजर्व में अब एक भी बाघ नहीं बचा है।
वन राज्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने स्वीकार किया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में पूरे प्रयासों के बावजूद बाघों की संख्या कम होती गई और मई 09 में भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा किए गए आंकलन में कोई बाघ नहीं पाया गया।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पन्ना में बाघों की पुनस्र्थापना के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जिसके तहत दो बाघिन अन्य राष्ट्रीय उद्यान से लाकर बसाई जा चुकी हैं। जबकि चार अन्य बाघ बाघिन को लाने की अनुमति भारत शासन से प्राप्त हो चुकी है।
शुक्ल ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या कम होने का मुख्य कारण वर्षो से बाघ प्रजनन का अभाव तथा नर मादा अनुमात में असंतुलन होना है।
उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत शासन द्वारा गठित विशेष जांच समिति द्वारा अवैध शिकार को भी राष्ट्रीय उद्यानों में बाघों के खत्म होने का मुख्य कारण माना गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के विलुप्त होने के जैविक तथा प्रशासनिक कारणों का अध्ययन करने के लिए तथा भविष्य में ऐसी परिस्थितियों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए समिति का गठन किया गया है।
वन राज्य मंत्री ने इस संबंध में अधिकारियों के खिलाफ तत्काल निलंबन जैसी कार्रवाई करने से इंकार करते हुए कहा कि इस संबंध में गठित समिति की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
शुक्ल ने बताया कि बाघों की गिनती में 18 माह तक के शावकों को शामिल नहीं किया जाता है। इसलिए शावकों की स्थिति बताना संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार प्रोजक्ट टाइगर के माध्यम से राज्य सरकार को राशि उपलब्ध कराती है और इस वर्ष 60 करोड़ रुपए की राशि मिली है। कांग्रेस के अजय सिंह का कहना था कि वर्ष 2003 में जब भाजपा की सरकार सत्ता में आई थी, तब प्रदेश में बाघों की संख्या 700 थी, लेकिन उचित संरक्षण के अभाव में बाघ कम होते गए और आगे भी यही स्थिति रही तो आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी।
सिंह ने कहा कि कुख्यात डकैत ठोकिया 16 माह से भी अधिक समय तक पन्ना टाइगर रिजर्व में रहा और उसी दौरान बाघों की संख्या में भारी कमी आई।
विपक्ष की नेता जमुना देवी ने राज्य सरकार के जवाब को असंतोषपूर्ण करार देते हुए कहा कि सरकार बाघों को बचाने की अपेक्षा दोषी अधिकारियों को बचाने में लगी है। इसी दौरान कांग्रेस सदस्यों ने प्लास्टिक के बैनर ओढ़ लिए, जिसमें बाघ के चित्र के दोनों तरफ मुझे बचाओ मुझे बचाओं लिखा हुआ था।
कांग्रेस सदस्यों ने सरकार पर दोषी अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया। लेकिन विधान सभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने कांग्रेस के प्लास्टिक के बैनर ओढ़ने के कृत्य पर अप्रसन्नता जताई।

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