Tuesday, October 10, 2017

भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत का दो दिवसीय क्रमिक धरना सिविक सेंटर में प्रारंभ।


भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत का दो दिवसीय क्रमिक धरना सिविक सेंटर में प्रारंभ। 

किसान पाती में किसानों ने उठाये सरकार, जनप्रतिनिधि व प्रशासन पर गंभीर सवाल।

लागत के आधार पर किसान को मिले लाभकारी मूल्य: भारतीय किसान संघ 

जबलपुर 2 अक्टूबर 2017। किसानों की फसलों के लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय करने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ महाकोशल प्रांत के संभागीय धरने व प्रदर्शन में आज सिवनी, मंडला, बालाघाट व जबलपुर सहित चार जिलों के किसान सम्मिलित हुये। भारतीय किसान संघ द्वारा आयोजित धरने में बोलते हुये प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री ओमनारायण पचैरी ने कहा कि म.प्र. सरकार फसल बीमा के नाम पर बीमा कंपनियों की तिजोरियां भरने का काम कर रही है। किसान लुट रहा है, सरकार, प्रशासन व जनप्रतिनिधि गहरी नींद में सो रहे हैं। किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि भारतीय किसान संघ का देशव्यापी आंदोलन सारे संभागीय मुख्यालयों पर लागत के आधार पर फसल का लाभकारी मूल्य तय करने की मांग को लेकर किया जा रहा है। श्री पटैल ने बताया कि 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के नाम संभाग आयुक्त को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय करने व किसानों की समस्याओं का मांग पत्र सौंपा जायेगा। 
इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष ओमनारायण पचैरी, प्रांत अध्यक्ष श्री विजय गोंटिया, प्रांत महामंत्री नारायण सिंह, प्रांत प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटैल, प्रांत उपाध्यक्ष नंदकिशोर परोहा, जिलाध्यक्ष प्रहलाद सिंह पटैल, जिला मंत्री मोहन तिवारी, अटल पटैल, मनीष पटेल, संत कुमार पटेल,आलोक पटैल, आशीष पटैल, धनंजय पटैल, प्रकाश पटैल, रवि पटैल, रामकृष्ण सोनी, नेतराम पटेल, भोलाराम पटैल, बृजेन्द्र पटैल, गणेश प्रसाद चंदेल, राजकुमार पटैल, मनीष पचैरी, रीतेश पचोरी, हुब्बीलाल मराबी, सागर सिंह, सुरेश पटेल, रीतेश पटेल, संदीप पटैल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। 

’’आराम करना है, थकता मैं भी हंू ’’ किसान पाती की जारी।
 
प्रांत प्रचार प्रमुख श्री राघवेंद्र सिंह पटेल ने सरकार के नाम किसान पाती नाम का पत्र जारी किया। जिसमें किसान को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य न मिलने के लिये पूर्ववर्ती व वर्तमान सरकारों, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया हैं। किसान आत्महत्या, किसान को लाभकारी मूल्य न मिलना, शिक्षा से वंचित किसान परिवार, गांवों की बदहाल स्थिति, गरीब किसानों की पारिवारिक स्थिति, सहित अनेक मुद्दों को किसान पाती में मार्मिक तरीके से प्रस्तुत किया गया।

अधिकारियों की मनमानी का शिकार मुख्यमंत्री भावांतर योजना।

किसान संघ के प्रांत महामंत्री व प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित नारायण सिंह ने बताया कि किसान संघ की मांग पर म.प्र. सरकार द्वारा भावांतर योजना लागू की गई। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी के कारण भावांतर योजना समयानुकूल न होने के कारण किसानों के लिये लाभप्रद साबित नहीं होगी। श्री सिंह ने बताया कि सितम्बर में पंजीयन होकर अक्टूबर में खरीदी प्रारंभ हो जानी थी। जो कि 16 अक्टूबर से खरीदी प्रांरभ होगी। दीवाली जैसा त्योहार आ रहा है ऐसे में किसान को फिर व्यापारियों की कठपुतली बनना पड़ेगा।

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