Tuesday, October 10, 2017

भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत का दो दिवसीय धरना सिविक सेंटर में संपन्न।

 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
 भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत
भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत का दो दिवसीय धरना सिविक सेंटर में संपन्न।
 किसानों ने संभाग आयुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा।     

 किसान संघ ने पूछा
प्रधानमंत्री बतायें कैसे होगी 2022 में किसानों की आय दुगनी।

जबलपुर 3 अक्टूबर 2017। भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत द्वारा लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर आयोजित धरने में संभाग भर से पहुचंे किसानों ने सरकार के रवैये व व्यवस्थाओं को लेकर रोष व्यक्त किया। विभिन्न जिलों से आये किसान नेताओं व किसानों ने संभाग आयुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम लाभकारी मूल्य की मांग संबंधी ज्ञापन सौंपते हुये प्रधानमंत्री से पूछा कि देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री बतायें कि वह किसानों की आय 2022 तक कैसे दुगुनी करेगें। ऐसा कौन सा फार्मूला है जो कि 2022 में ही किसान की आय दुगुनी करेगा, अभी क्यों नहीं। 
       किसान संघ के जिलाध्यक्ष प्रहलाद पटैल ने कहा कि कृषि उत्पाद का लाभकारी मूल्य लागत से डेढ़ गुना किसान को चाहिये। न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसान का भला नहीं होगा। श्री पटैल ने बताया कि किसान को कृषि उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता है, जबकि किसान को सभी इनपुट्स अर्थात लागत बाजार से एम.आर.पी. मूल्य पर खरीदनी पड़ती है। यह किसान को घाटे में पहुंचाने का सबसे बड़ा कारण है। प्रांत महामंत्री नारायण सिंह ने बताया कि समाज की समृद्वि का आधार किसान है, जो कि शहरी व ग्रामीण जनसंख्या का 70 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है। सरकार को ऐसी नीति अपनाना होगी जिससे किसान को ऋण लेने की आवश्यकता ही नहीं पड़े। यह तभी संभव है जब किसान को लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य मिलेगा। प्रांत अध्यक्ष विजय गोंटिया ने कहा कि हमारी प्रधानमंत्री से मांग है कि कृषि उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य की शोषणकारी नीति के स्थान पर लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देने की नीति अपनाई जानी चाहिये। तभी किसान व देश का भला हो सकता है।
       इस अवसर पर भारतीय किसान संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष ओमनारायण पचैरी, प्रांत अध्यक्ष श्री विजय गोंटिया, प्रांत महामंत्री नारायण सिंह, प्रांत प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटैल, प्रांत उपाध्यक्ष नंदकिशोर परोहा, केशव तोमर, स्वदेश कोठारी, जिलाध्यक्ष प्रहलाद सिंह पटैल, छिंदवाड़ा जिलाध्यक्ष मेर सिंह, कटनी जिलाध्यक्ष राजेश पटैल, नरसिंहपुर जिलाध्यक्ष सरदार पटैल, सिवनी जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह बघेल, जिला मंत्री मोहन तिवारी, उर्वशी सिंह, वीरेन्द्र शर्मा, राकेश खेमरिया, डां विनोद पटैल, हेतराम पटैल, नितिन तिवारी, रामदास पटैल, रीतेश पटेल, नीरज पटैल,मनीष पटेल, संत कुमार पटेल,आलोक पटैल, आशीष पटैल, धनंजय पटैल, प्रकाश पटैल, रवि पटैल, रामकृष्ण सोनी, नेतराम पटेल, भोलाराम पटैल, बृजेन्द्र पटैल, गणेश प्रसाद चंदेल, राजकुमार पटैल, मनीष पचैरी, रीतेश पचोरी, हुब्बीलाल मराबी, सागर सिंह, सुरेश पटेल, रीतेश पटेल, संदीप पटैल सहित नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, कटनी व जबलपुर के सैकड़ों किसानों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। 
प्रमुख मांगे- 1. कृषि उत्पाद का लाभकारी मूल्य लागत का डेढ़ गुना दिया जाये।
2. कृषि उपकरणों व कीटनाशकों पर लगा 12 व 28 प्रतिशत जी.एस.टी. हटाया जाये। 
 3. प्रधानमंत्री फसल बीमा में खेत को इकाई माना जाये।    
 4. नहरों का निर्माण कर सिंचाई का रकबा बढ़ाया जावें।
5. तालाबों व सूखे पड़े जल स्रोतों से नहरों को जोड़ा जाये।
  6. चोरी गये बिजली के ट््रांसफरों को तत्काल रखा जाये। 
7. शराब की दुकानें बंद कर उनके स्थान पर जैविक हाट व सहकारी दुग्ध विक्रय केंद्र खोले जाये।

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